hindi kahani Fundamentals Explained
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हिंदी कहानियां
पहली दो मछलियां अपने दोस्त को समझाने में असमर्थ रहीं, और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने उसे छोड़कर जाने का फैसला किया।
लड्डू लेकर ऊपर उछालने लगे. लड्डू जब नीचे आते तो मुहं खोल कर लपकते. लड्डू जमीन पर गिरते और चूर चूर हो जाते.
महात्मा जी ने कहा हम लोग भूमि से पूछकर निर्णय करते हैं. यह कहकर उन्होंने अपने कान भूमि के साथ लगाया, मानों कुछ सुनने का प्रयत्न कर रहे हो.
समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ
उसकी कद्र करे और अपने जीवन में उसका अमल करे.
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उस ज्वार के खेत का मालिक बेहद लोभी लालची किस्म का व्यक्ति था.
ऐसा करने से जो हो चुका हैं वह अपने आप ठीक नही होने वाला हैं.
उनके वंश का नाश कर डालूगा. खरगोश ने विनयपूर्वक सिर झुककर कहा- क्षमा करे स्वामी, आप व्यर्थ क्रोध कर रहे हैं, इसमे न मेरा अपराध हैं, न अन्य पशुओ का.
उमा की शरारतों का वह अपनी मेहनत से जवाब देती रही, जैसे ही वह घौसला गिराती वह नया तैयार कर देती थी.
पाठशाला के रस्ते में घने पेड़ और झाड़ियाँ थी. पास ही एक जल का नाला बहता था.
और बीते वर्षो की सूनी जिन्दगी की दासता सुनानी लगी, मगर उस युवक का ध्यान तो बिस्तर पर लेटे युवक पर था.
बालसाहित्य, हिंदी, सचित्र, गोद लेना, अनाम
समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ